सैयद अली ने कहा कि अमेरिकी सांसद फ्रैंक पलोने, एडिसन के मेयर समीप जोशी, वुडब्रिज के मेयर जॉन ई. मक्कोर्मैक और न्यूजर्सी असेंबली के स्पीकर क्रेग कगनिल को इस परेड में शामिल होने पर सफ़ाई देनी चाहिए और मुस्लिमों से घृणा के प्रतीक बुल्डोज़र को आज़ादी के जश्न में शामिल करने की सार्वजनिक निंदा करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि आयोजकों से बात करके पता लगाना चाहिए कि बुल्डोज़र को परेड में शामिल करने का आइडिया किन लोगों ने दिया था और किस परिस्थिति में इसे मंज़ूर किया गया. अमेरिका में शांति और सद्भाव के लिए घृणा के ऐसे प्रचारकों की शिनाख़्त करना ज़रूरी है.
उधर, चर्चित मानवाधिकार संगठन ‘हिंदूज़ फ़ॉर ह्यूमन राइट्स’ ने भी इस ‘बुल्डोज़र परेड’ को घृणा का सार्वजनिक प्रदर्शन क़रार देते हुए इसकी कड़ी निंदा की है. संगठन के एडवोकेसी कोआर्डिनेटर प्रणय सौम्युजला ने एडिसन के मेयर समीप जोशी को पत्र लिखकर इस परेड की सार्वजनिक निंदा करने की माँग की है. उन्होंने लिखा है कि इस बुल्डोज़र परेड में जिस तरह से अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ घृणा का प्रदर्शन हुआ है, वह चिंतित करने वाला है. अमेरिका में बसे हिंदुओं के बीच अतिवादी हिंदुत्ववादियों के इस राजनीतिक अभियान को हर हाल में रोका जाना चाहिए. एडिसन शहर विविधताओं से भरा है और यहाँ दोबारा ऐसे प्रदर्शन की इजाज़त नहीं दी जानी चाहिए.
काउंसिल ऑन अमेरिकन-इस्लामिक रिलेशन्स (सीएआईआर) ने भी इस घटना की कड़ी निंदा की है. संगठन ने एक बयान में कहा है कि भारतीय जनता पार्टी के सक्रिय नेताओं का बुल्डोज़र परेड में शामिल होना बताता है कि वे अल्पसंख्यक और कमज़ोर तबकों के ख़िलाफ़ हिंसा और उन्हें बेघर करने के अभियान के समर्थक हैं. संगठन के कार्यकारी निदेशक सलादीन मक्सट ने कहा कि आज़ादी का जश्न मनाने का हर भारतीय को अधिकार है, लेकिन मुस्लिम विरोधी नेताओं और घृणा के प्रतीकों को इस तरह गौरवान्वित करना निंदनीय है.
कुल मिलाकर एडिसन की इस बुल्डोज़र परेड ने प्रगतिशील और अल्पसंख्यकों के मानवाधिकार संगठनों के कान खड़े कर दिये हैं. इसे अमेरिका में बसे हिंदू समुदाय में घृणा प्रचार की आरएसएस की मुहिम का सबूत बताया जा रहा है जिससे दो-दो हाथ करना ज़रूरी हो गया है. मानवाधिकार और नागरिक संगठनों की नज़र में आरएसएस का अप्रवासी हिंदुओं के बीच जारी घृणा अभियान लोकतंत्र, स्वतंत्रता, धर्मनिरपेक्षता और मानवाधिकारों पर आधारित पूरे अमेरिकी विचार को चुनौती है. अगर अमेरिकी सरकार इसे रोकने के लिए सख़्त कार्रवाई नही करती तो वह इस विचार के साथ दग़ा करेगी.
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