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न्यूजर्सी में निकली ‘बुल्डोज़र परेड’ के ख़िलाफ़ अमेरिका में उबाल, ‘हेट क्राइम’ बताते हुए सरकार से कार्रवाई की माँग, मानवाधिकार संगठनों ने कहा: मुस्लिमों को बेघर करने और घृणा फैलाने का प्रतीक है बुल्डोज़र!

प्रकाशनार्थ / FOR IMMEDIATE RELEASE


वाशिंगटन डीसी (18 अगस्त, 2022) - अमेरिका के न्यूजर्सी में भारत के स्वतंत्रता दिवस पर निकाली गयी परेड में पीएम मोदी और योगी आदित्यनाथ की तस्वीर के साथ बुल्डोज़र को शामिल किये जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. अमेरिका के मानवाधिकार और नागरिक अधिकार संगठनों ने इसे ‘हेट क्राइम’ बताते हुए अमेरिकी सरकार से सख़्त कार्रवाई करने की माँग की है. इन संगठनों ने बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा की अगुवाई में निकाली गयी इस ‘बुल्डोज़र परेड’ की निंदा करते हुए कहा है कि आरएसएस और बीजेपी ने भारत में अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ नफ़रत फैलाने की अपनी मुहिम को अमेरिका तक पहुँचा दिया है, जिसके ख़िलाफ़ अमेरिकी सरकार को समय रहते सख़्त कार्रवाई करनी चाहिए.


ग़ौरतलब है कि न्यूजर्सी प्रांत के एडिसन शहर में ओवरसीज़ फ्रेंड्स ऑफ भारतीय जनता पार्टी (यूएसए) के बैनर तले निकाली गयी इस स्वतंत्रता दिवस  परेड में एक बुल्डोज़र भी शामिल किया गया था. इस पर  पीएम मोदी और ‘बाबा बुल्डोज़र’ लिखी हुई यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तस्वीर लगायी गयी थी. यह स्पष्ट रूप से यूपी में चल रहे बुल्डोज़र अभियान को गौरवान्वित करने की कोशिश थी जिसके तहत सैकड़ों बेगुनाह मुसलमानों के घरों को ग़ैरक़ानूनी ढंग से तोड़ा जा चुका है. बुल्डोज़र को मुसलमानों को सबक सिखाने के प्रतीक के तौर पर बीजेपी समर्थक प्रचारित करने में जुटे हैं.


इस परेड को अमेरिका के लिए ख़तरे की घंटी बताते हुए इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल (आईएएमसी) के अध्यक्ष सैयद अली ने कहा है कि अल्पसंख्यकों और अन्य वंचित समूहों के अधिकारों की रक्षा के लिए अमेरिका ख़ासतौर पर पहचाना जाता है. इसके पीछे सदियों का संघर्ष है. लेकिन आरएसएस और उससे जुड़े संगठन ‘बुल्डोज़र परेड’ के ज़रिए अमेरिका की इसी पहचान को चुनौती दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस और एफबीआई को इस मामले का संज्ञान लेते हुए सख़्त कार्रवाई करनी चाहिए. अमेरिकी सरकार को भारत की मोदी सरकार से भी स्पष्टीकरण माँगना चाहिए क्योंकि संबित पात्रा और आयोजक संगठन स्पष्ट रूप से बीजेपी के प्रतिनिधि हैं जिसकी भारत में सरकार है.

सैयद अली ने कहा कि अमेरिकी सांसद फ्रैंक पलोने, एडिसन के मेयर समीप जोशी, वुडब्रिज के मेयर जॉन ई. मक्कोर्मैक और न्यूजर्सी असेंबली के स्पीकर क्रेग कगनिल को इस परेड में शामिल होने पर सफ़ाई देनी चाहिए और मुस्लिमों से घृणा के प्रतीक बुल्डोज़र को आज़ादी के जश्न में शामिल करने की सार्वजनिक निंदा करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि आयोजकों से बात करके पता लगाना चाहिए कि बुल्डोज़र को परेड में शामिल करने का आइडिया किन लोगों ने दिया था और किस परिस्थिति में इसे मंज़ूर किया गया. अमेरिका में शांति और सद्भाव के लिए घृणा के ऐसे प्रचारकों की शिनाख़्त करना ज़रूरी है.


उधर, चर्चित मानवाधिकार संगठन हिंदूज़ फ़ॉर ह्यूमन राइट्स ने भी इस बुल्डोज़र परेड को घृणा का सार्वजनिक प्रदर्शन क़रार देते हुए इसकी कड़ी निंदा की है. संगठन के एडवोकेसी कोआर्डिनेटर प्रणय सौम्युजला ने एडिसन के मेयर समीप जोशी को पत्र लिखकर इस परेड की सार्वजनिक निंदा करने की माँग की है. उन्होंने लिखा है कि इस बुल्डोज़र परेड में जिस तरह से अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ घृणा का प्रदर्शन हुआ है, वह चिंतित करने वाला है. अमेरिका में बसे हिंदुओं के बीच अतिवादी हिंदुत्ववादियों के इस राजनीतिक अभियान को हर हाल में रोका जाना चाहिए. एडिसन शहर विविधताओं से भरा है और यहाँ दोबारा ऐसे प्रदर्शन की इजाज़त नहीं दी जानी चाहिए.


काउंसिल ऑन अमेरिकन-इस्लामिक रिलेशन्स (सीएआईआर) ने भी इस घटना की कड़ी निंदा की है. संगठन ने एक बयान में कहा है कि भारतीय जनता पार्टी के सक्रिय नेताओं का बुल्डोज़र परेड में शामिल होना बताता है कि वे अल्पसंख्यक और कमज़ोर तबकों के ख़िलाफ़ हिंसा और उन्हें बेघर करने के अभियान के समर्थक हैं. संगठन के कार्यकारी निदेशक सलादीन मक्सट ने कहा कि आज़ादी का जश्न मनाने का हर भारतीय को अधिकार है, लेकिन मुस्लिम विरोधी नेताओं और घृणा के प्रतीकों को इस तरह गौरवान्वित करना निंदनीय है.


कुल मिलाकर एडिसन की इस बुल्डोज़र परेड ने प्रगतिशील और अल्पसंख्यकों के मानवाधिकार संगठनों के कान खड़े कर दिये हैं. इसे अमेरिका में बसे हिंदू समुदाय में घृणा प्रचार की आरएसएस की मुहिम का सबूत बताया जा रहा है जिससे दो-दो हाथ करना ज़रूरी हो गया है. मानवाधिकार और नागरिक संगठनों की नज़र में आरएसएस का अप्रवासी हिंदुओं के बीच जारी घृणा अभियान लोकतंत्र, स्वतंत्रता, धर्मनिरपेक्षता और मानवाधिकारों पर आधारित पूरे अमेरिकी विचार को चुनौती है. अगर अमेरिकी सरकार इसे रोकने के लिए सख़्त कार्रवाई नही करती तो वह इस विचार के साथ दग़ा करेगी.

Indian American Muslim Council is the largest advocacy organization of Indian Muslims in the United States with chapters across the nation. For more information, please visit our website at: www.iamc.com

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